बर्फ से भरी विश्व धरोहर फूलों की घाटी
चमोली ।गोविंदघाट से फूलों की घाटी के लिए पहुचा , इस समय फूलों की घाटी मे आवाजाही बंद हैयहा पर बर्फ की मोटी चादर है ,3 फीट से अधिक बर्फ जमी है, क्योंकि फूलों की घाटी में बर्फ के साथ इस समय वन्य जीवोंकी आवाजाही बढ़ जाती है वही वन्य जिव तश्करों की भी यहाँ सम्भवना होती है जिस कारण वन बिभाग द्वारा भारी बर्फ के बावजूद यहाँ ट्रेप कैमरे और गस्ती दल द्वारा नजर रखी जाती है,
भारी बर्फबारी के चलते घाटी में 4 जगह बर्फ के 50 से 60 फिट ऊँचे हिमखण्ड जमे है, जिसके चलते टीम को आवाजाही में भारी दिक्कतों से दो चार होना पड़ा, और टीम ने द्वारीपुल, बामणधौंण, वॉच टावर और मेरी के कब्र तक ग्लेशियर देखे गए हैं और जिसके चलते गश्ती टीम को भारी दिक्कते हुई, घाटी में वन्य जीवों और तस्करों पर 8 ट्रेप कैमरे से नजर रखी जा रही, विश्व धरोहर फूलों की घाटी में 8 ट्रेप कैमरे से वन्य जीवों तथा तस्करों पर कड़ी नजर रखी जा रही है, और लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है,और इनकी चिप निकालकर इसमें वन्य जीवों की गतिविधि नोट किया जा रहा है।कोरोना वायरस की वजह से पिछले कुछ समय से फूलों की घाटी में पर्यटकों के प्रवेश पर रोक लगी थी। अब पर्यटक फूलों की घाटी में प्रवेश कर सकते हैं, परंतु पर्यटकों को कुछ नियमों का पालन करना होगा। पर्यटकों को यहां प्रवेश करते समय कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी जो 72 घंटे से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए। फूलों की घाटी उत्तराखंड में गढ़वाल क्षेत्र के चमोली जिले में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है। यह खूबसूरत घाटी विश्व धरोहर में भी शामिल है। इस जगह की खूबसूरती देखते ही बनती है। आज हम आपको इस खूबसूरत जगह के बारे में बताएंगे।उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में स्थित फूलों की घाटी 87.50 किमी वर्ग क्षेत्र में फैली है। 1982 में यूनेस्को ने इसे राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया। फूलों की घाटी बेहद ही खूबसूरत है। हिमाच्छादित पर्वतों से घिरी इस घाटी की सुंदरता देखते ही बनती है।
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