किसानों का ध्यान रखना सरकार की जिम्मेदारीः इंदिरा
हल्द्वानी। प्रदेश सरकार द्वारा इस साल धान खरीद का लक्ष्य पूरा हो जाने के बाद समय से पहले धान खरीद केंद्र को बंद कर दिया गया है। ऐसे में प्रदेश के हजारों किसान अपना धान बेचने से वंचित रह गए हैं। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने सरकार के इस रवैये पर नाराजगी जाहिर करते हुए दोबारा से धान खरीद केंद्र खोलने की मांग उठाई है। नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने कहा कि अभी तक सरकारी तौल केंद्रों पर करीब 99 लाख कुंतल धान खरीदा गया है, जिसमें से 50 लाख कुंतल धान यूपी के किसानों से खरीदा गया है।
प्रदेश के छोटे किसान जिनका 10 कुंतल से 40 कुंतल तक धान तोला जाना है। वो किराए पर ट्रैक्टर लेकर 10 से 15 किमी दूर जाकर अपने धान को औने-पौने दामों में बेचने को मजबूर हैं। इस कारण उन्हें आर्थिक हानि हो रही है। सरकार की ओर से एक करोड़ कुंतल धान खरीद का लक्ष्य रखा गया था। अगर लक्ष्य पूरा हो भी जाता है तो सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है कि वह किसानों का पूरा धान खरीदे. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार को चाहिए कि किसानों की समस्या को ध्यान में रखते हुए दोबारा से धान क्रय केंद्र को खोले। हृदयेश ने कहा है कि किसानों के धान का बकाया भुगतान करीब 650 करोड़ है, जो किसानों को नहीं मिला है। बकाये धान का लंबित भुगतान जल्द किया जाना चाहिये। प्रदेश सरकार कोर्ट में 24 घंटे से एक हफ्ते के भीतर धान के भुगतान की बात कह रही है, लेकिन किसानों को एक महीने बाद भी धान का भुगतान नहीं मिल पा रहा है। इंदिरा हृदयेश ने कहा कि किसानों की मांग जल्द मांगी जाए नहीं तो कांग्रेस आंदोलन करेगी।
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