यदि नरेंद्र मोदी के नजरिए से देखा जाए तो एक
यदि नरेंद्र मोदी के नजरिए से देखा जाए तो एक साल में लगभग 73 करोड़ रुपए कमाते हुए भी लाखों रुपए का सूट न पहनकर फटीचर घूमने वाला वह 28 साल का नौजवान बेवकूफ है। इतना ही नहीं वह वज्रमूर्ख भी इसलिए है क्योंकि वह अपनी सारी आमदनी अपने लोगों के लिए स्कूल, स्टेडियम आदि बनाने में खर्च कर देता है।
यहां बात हो रही है अफ्रीकी महाद्वीप के देश सेनेगल की राष्ट्रीय टीम के लिए एक विंगर के रूप में खेलने वाले पेशेवर फुटबॉलर सादियो माने की। जो 2016 से इंग्लैंड के प्रसिद्ध फुटबॉल क्लब लिवरपूल एफ०सी० की ओर से खेलते हैं। उनकी उम्र 28 वर्ष है।
10 अप्रैल, 1992 को जन्मे
माने ने 2019 में 61 मैचों में 34 गोल दागने के अलावा 12 गोल करने में टीम की मदद की है।
जहां करोड़ों कमाने वाले फुटबॉल खिलाड़ी हाइप्रोफाइल जिंदगी जीते हैं, लग्जरी कारों और महंगे सामानों का शौक रखते हैं, वहीं सिर्फ अपने क्लब से ही एक साल में लगभग 73 करोड़ रुपए कमाने वाले सादियो बिना स्क्रीनगार्ड लगे एक टूटे फोन से काम चला रहे हैं क्योंकि वे फोन की अपेक्षा अधिक तवज्जो अपने देश के गरीबों को देते हैं और उनकी मदद करते हैं।
उन्होंने अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए कहा, "मेरे पास खेलने के लिए जूते नहीं थे, अच्छे कपड़े नहीं थे, खाने को भी नहीं था। आज मेरे पास सबकुछ है तो क्या मैं उसका दिखावा करूं? मैं उसे अपने लोगों के साथ बांटना चाहता हूं। मैंने गरीबी देखी है। मैं पढ़ने के लिए स्कूल नहीं जा पाया। यही वजह है कि मैंने अपने देश में स्कूल बनवाए ताकि बच्चे पढ़ सकें, फुटबॉल स्टेडियम बनवाए हैं।"
इतना पढ़ने के बाद क्या आपको यह लगता है कि यह लड़का एकदम उल्लू है क्योंकि उसने अपने लोगों के लिए बड़ी-बड़ी मूर्तियां और भव्य मंदिर बनवाने के बजाये स्कूल व स्टेडियम जैसी फालतू चीजें बनवाईं, जो उसके गलत नजरिए का पता देती हैं?
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