राम मंदिर की तर्ज पर उत्तराखंड में बनेगा रामायण सर्किट
अयोध्या में भव्य राममंदिर निर्माण को भूमि पूजन होते ही उत्तराखंड सरकार ने भी राज्य में रामायण सर्किट पर फोकस कर लिया है। जल्द राज्य में भी रामायण सर्किट विकसित होगा।
रामायण सर्किट से देवप्रयाग में प्रभु श्रीराम का रघुनाथ मंदिर, ऋषिकेश में भरत मंदिर समेत शत्रुघ्न, लक्ष्मण मंदिरों को विकसित करने के साथ रामायण सर्किट तैयार होगा।
अयोध्या में रामजन्म भूमि पर मंदिर निर्माण की तैयारियों से यूपी में धार्मिक पर्यटन की बढ़ती संभावनाओं को देखते हुए पर्यटन विभाग उत्तराखंड में भी रामायण सर्किट को विस्तार देने की तैयारी में है।
इसके लिए ऋषिकेश, देवप्रयाग, पौड़ी में रामायण सर्किट से जुड़ी योजनाओं को तैयार किया जाएगा। ऋषिकेश में भरत मंदिर, मुनिकीरेती में शत्रुघ्न मंदिर के बाद देवप्रयाग में रघुनाथ मंदिर को भव्य रूप दिया जाएगा।
यहां धार्मिक पर्यटन के लिए आने वालों को रामायण सर्किट की विशेषताओं से रुबरू कराया जाएगा। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि श्री हेमकुंड साहिब के पास लक्ष्मण लोकपाल मंदिर को भी एक नया रूप दिया जाएगा।
बकौल महाराज, पर्यटन विभाग को रामायण सर्किट से जुड़ी योजनाओं का पूरा खाका तैयार किए जाने के लिए कह दिया गया है। केंद्र सरकार की प्रसाद योजना में इसके लिए बजट मंजूर कराया जाएगा। रामभक्तों के लिए अयोध्या के बाद उत्तराखंड का रामायण सर्किट धार्मिक पर्यटन के लिहाज से एक बड़ा स्थल होगा।
उत्तराखंड में बसों की एंट्री को यूपी रोडवेज ने लगाई गुहार, बॉर्डर पर सवारियों को छोड़ वापस चली जाती हैं बसें
कोरोना काल में उत्तराखंड रोडवेज का अस्तित्व भले ही खतरे में हैं, लेकिन यूपी रोडवेज की ठीक कमाई हो रही है। यूपी की बसें फुल क्षमता पर चल रही है। बसें उत्तराखंड के यात्रियों को उत्तराखंड की सीमाओं तक छोड़ रही है।
डाटकाली तक बड़ी संख्या में उत्तराखंड के यात्री यूपी रोडवेज से आ रहे हैं और वापसी में भी यूपी की बसों को सहारनपुर समेत अन्य जहगों के लिए पर्याप्त सवारी मिल रही है। अब यूपी रोडवेज में राज्य में अपनी बसों की एंट्री के लिए उत्तराखंड रोडवेज को पत्र भेजा है।
रोडवेज प्रबंधन ने यह पत्र शासन को भेज दिया है। उत्तराखंड की रोडवेज के पास 1500 बसों का बेड़ा है। इसमें 70 फीसदी बसों का संचालन दिल्ली और हल्द्वानी रूट पर होता है।
यही निगम के कमाई रूट हैं, लेकिन कोरोना काल में दोनों रूटों पर बसों का संचालन ठप है। अभी सिर्फ राज्य के भीतर बसों का संचालन हो रहा है। कुमाऊं के रूट का कुछ हिस्सा यूपी में पड़ता है।
इसलिए इस रूट पर भी बसें नहीं चल रही है। राज्य से बाहर बसों का संचालन कब होगा इस पर रोडवेज के अफसर का कहना है कि यह राज्य सरकार को तय करना है और सरकार ही बाहरी राज्यों के लिए बसों की एसओपी तैयार करेगी।
सामान्य संचालन चाहता है यूपी
उत्तराखंड रोडवेज की अभी बाहरी राज्यों में बस चलाने की कोई तैयारी नहीं है, लेकिन यूपी रोडवेज उत्तराखंड में अपनी बसें चलाना चाहता है। इसके लिए यूपी ने पत्र भेजा है, जिसे शासन को भेज दिया गया है। पत्र में यूपी ने यातायात सामान्य करने की बात कही है। यदि सरकार यूपी को अनुमति देता है तो निगम के और हालात खराब हो जाएंगे। यूपी की बसें फुल सवारी क्षमता पर चल रही है। बस का किराया भी उत्तराखंड से काफी कम है। ऐसे में हरिद्वार, ऋषिकेश, रुड़की की लोकल सवारी भी यूपी की बसों में सफर करेंगी।
राज्य से बाहर बस चलाने का फैसला सरकार ने लेना है। यूपी रोडवेज का हमें पत्र आया था। यूपी उत्तराखंड में अपनी बसों का संचालन करना चाहता है, जिसे हमने शासन को भेज दिया है।
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