कालचक्र की गति निराली
कालचक्र की गति निराली
सारी सृष्टि इसी में समा ली
जो हो रहा है होकर रहेगा
कभी कोई रोक न पाएगा
बस, द्रष्टा बन देखते जाओ
स्वयं को उसमे न उलझाओ
पार्ट बजाना तुम्हारी नियति
लाना ले जाना उसकी नियति
जो आया वह अवश्य जाएगा
साथ मे अपने कर्म ले जाएगा
बस,सद्कर्मों पर ही ज़ोर दो
यह जीवन अपना संवार लो।
श्रीगोपाल नारसन
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