एक पार्टी ने बसे भेजी दूसरी ने रोक लगाई-श्रीगोपाल नारसन
एक पार्टी ने बसे भेजी
दूसरी ने रोक लगाई
पैदल चल रहे मजदूरों पर
किसी को भी दया नही आई
श्रेय किसको मिल रहा है
यह विचार छोड़ देते
जो सेवा को आगे आ रहा
उसकी ही सेवायें ले लेते
राजनीति से पहले मानव धर्म है
काश!यह समझ लेते
भूखे,थके बेहाल पथिको को
बसों का ही आसरा दे देते।
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