चारधाम मंदिर परिसरों के होंगे ऑनलाइन दर्शन

उत्तराखंड:चारधाम मंदिर परिसरों के होंगे ऑनलाइन दर्शन, ऑडियो सुनकर कर सकेंगे पूजा-अर्चना---लॉकडाउन के चलते श्रद्धालुओं के मंदिरों में प्रवेश पर रोक को देखते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चार धाम और अन्य मंदिर परिसरों के ऑनलाइन दर्शन की सुविधा शुरू करने के निर्देश दिए हैं। चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड की पहली बैठक में उन्होंने अधिकारियों को यह व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए। कहा कि गर्भगृह को ऑनलाइन नहीं दिखाया जाएगा, ऐसे में जो लोग पूजा-अर्चना करना चाहते हैं, उनको परिसर के दर्शन करवा ऑडियो के माध्यम से पूजा करवाई जाए।---मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में हुई बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बोर्ड में सबके हक-हकूकों का ध्यान रखा जाएगा। बैठक में मंदिरों एवं उनसे जुड़ीं प्रमुख पांडुलिपियों एवं अन्य एतिहासिक महत्व की सामग्री का संग्रहालय बनाने पर भी चर्चा की गई। इस दौरान निर्णय लिया गया कि राज्य सरकार द्वारा धार्मिक यात्रा के समुचित संचालन को अंतर्विभागीय समन्वय के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जाएगा। वहीं, उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड का अलग लोगो बनाया जाएगा। --उत्तराखंड : आवासीय परियोजनाएं पूरी करने को नौ माह का अतिरिक्त समय देगा रेरा-प्रदेश में बन रही आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने के लिए रेरा बिल्डरों को नौ माह का अतिरिक्त समय देगा। केंद्रीय आवास एवं शहरी मंत्रालय के आदेश पर बिल्डरों को यह राहत दी जाएगी। इसके तहत बिल्डरों ने ग्राहकों को कब्जा देने की जो तिथि दी है, उसे वो नौ महीने बढ़ा सकेंगे। इस दौरान रेरा उन पर कोई कार्रवाई नहीं करेगा।--रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवलपमेंड एक्ट (रेरा) प्रत्येक बिल्डर को आवासीय प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए एक निर्धारित समय देती है। इसके तहत बिल्डरों को उस निर्धारित अवधि में प्रोजेक्ट का निर्माण पूरा कर ग्राहकों को कब्जा देना होता है। ऐसा न करने की दशा में ग्राहक रेरा से संबंधित बिल्डर की शिकायत कर सकते हैं, जिन पर रेरा को कार्रवाई का अधिकार है।--राजधानी में बड़ी संख्या में आवासीय प्रोजेक्ट निर्माणाधीन है, जिनका निर्माण अप्रैल, मई, जून में होना है। लेकिन लॉक डाउन होने के कारण इनका काम रुका पड़ा है। ऐसे में उन पर ग्राहकों को अब तक कब्जा न देने के मामले में कार्रवाई की जा सकती थी। लेकिन अब केंद्र सरकार की ओर से छूट दिए जाने के बाद बिल्डर अगले नौ माह के दौरान अपने प्रोजेक्ट पूरे कर सकते हैं।--खरीदारों को होगा नुकसान--सरकार के इस फैसले से जहां डेवलपर्स को फायदा मिलेगा, वहीं ग्राहक घाटे में रहेंगे। सबसे बड़ा नुकसान कि उन्हें घर नौ माह तक की देरी से मिलेगा। होम लोन लेकर डेवलपर से फ्लैट या घर खरीदने वाले ग्राहकों को कब्जा मिलने तक बैंक को प्री-ईएमआई का भुगतान करना होगा। इसमें केवल ब्याज की राशि शामिल होती है। पजेशन मिलने के बाद ग्राहकों को पूरी ईएमआई देनी होगी। ऐसे में घर मिलने में जितनी देरी होगी, प्री ईएमआई उतनी ज्यादा चुकानी पड़ेगी। इससे लोन की कुल धनराशि में भी बढ़ोत्तरी होगी।--किरायेदार ग्राहकों को दोहरा नुकसान--जो ग्राहक अभी किराये के मकान पर रहते हैं और जिन्होंने फ्लैट या घर खरीदने के लिए लोन लिया है, उन्हें दोहरा नुकसान झेलना पड़ेगा। एक तरफ जहा उन्हें प्री ईएमआई में ज्यादा पैसा देना पड़ेगा, वहीं, घर का किराया भी ज्यादा समय तक चुकाना पड़ेगा। विशेषज्ञों के अनुसार 50 लाख तक का लोन लेने वाले ग्राहकों को इसमें तीन लाख रुपये तक का नुकसान झेलना पड़ सकता है।- जिन परियोजनाओं का काम पूरा होना था, केंद्र सरकार ने उन्हें छह माह का अतिरिक्त समय दिया है। इसके अलावा रेरा भी तीन माह की छूट दे सकता है। इस तरह डेवलपर्स को नौ माह का अतिरिक्त समय मिल जाएगा। 25 मार्च से पहले जो परियोजनाएं पूरी होनी थी, उन्हें इसका लाभ नहीं मिलेगा। --खाड़ी देशों में फंसे लोगों की स्वदेश वापसी को मिशन बनाया भारतीय इंजीनियर ने
विदेश में अच्छी नौकरी और बेहतर कैरियर के बावजूद भारतवंशियों की सेवा को अपना मिशन बनाकर यह युवक मानवता और सेवा की मिसाल पेश रहा है। चाहे कोविड-19 से उपजा संकट हो अथवा कोई और कारण, खाड़ी देशों में किसी वजह से फंसे भारतीयों की स्वदेश वापसी के लिए वह दूतावास से लेकर भारत सरकार तक ऐड़ी-चोटी का  जोर लगा देता है। उसकी मेहनत का नतीजा है कि बिहार और उत्तर प्रदेश के कई सांसदों ने दुबई और शारजाह में फंसे युवकों की स्वदेश वापसी का बीड़ा उठाया और उसका सुखद परिणाम भी सामने आया।


हम बात कर रहे हैं बिहार के नरकटियागंज निवासी और इस समय में आबूधाबी में एतिहाद एयरलाइंस के इंजीनियर रितेश मिश्रा की। खाड़ी देशों में कंपनियों की ज्यादतियों की वजह अथवा दलालों के चक्कर में फंसकर कैदी जैसी जिंदगी गुजार रहे बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए रितेश किसी दूत से कम नहीं हैं। एक ओर वह दुबई और शारजाह में भारतीय राजनयिकों से सीधे संपर्क कर फंसे भारतीयों को निकालने का प्रयास करते हैं, दूसरी ओर पूर्वी यूपी और बिहार के सांसदों की मदद से उनकी स्वदेश वापसी के लिए भारत सरकार पर दबाव बनाते हैं। उनके इस काम के मुरीद यूपी से लोकसभा सदस्य डा. रमापति राम त्रिपाठी भी हैं जो ट्वीट करके रितेश की प्रशंसा कर चुके हैं।
कोरोना वायरस की वैक्सीन परीक्षण के लिए शरीर समर्पित
पिछले कई वर्षों से आबूधाबी में रहे रहे एविएशन इंजीनियर रितेश मिश्र ने कोरोना वायरस की वैक्सीन के परीक्षण के लिए अपना शरीर समर्पित करने का संकल्प ले चुके हैं। इंस्टाग्राम और दूसरे सोशल मीडिया पर पिछले दिनों एक वीडियो डालकर उन्होंने भारतवासियों को कोरोना वायरस से बचाने के लिए अपने शरीर को टीके की टेस्टिंग के लिए देने का प्रस्ताव दिया है। उनका कहना है कि देश और देशवासियों की सेवा पहले है, बाकी सबकुछ उसके बाद आता है।


Comments

News Point Popular

मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने विभिन्न विकास कार्यों हेतु वित्तीय एवं प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की

देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में सीनियर सिटीजन नेशनल हेल्पलाईन एल्डरलाईन 14567 का उत्तराखण्ड में शुभारंभ किया

मुख्यमंत्री ने स्वीकृत की पिथौरागढ़ एवं बागेश्वर के आपदा प्रभावित परिवारों के पुनर्वास हेतु रूपये 131.75 लाख की धनराशि

मुख्यमंत्री ने स्वीकृत की पिथौरागढ़ एवं बागेश्वर के आपदा प्रभावित परिवारों के पुनर्वास हेतु रूपये 131.75 करोड़ की धनराशि

मुख्यमंत्री ने किया गायक सुभाष बड़थ्वाल के गीत का विमोचन

कोविड-19 से लड़ाई हेतु 5 वेंटिलेटर मशीन, 2000 सैनिटाइजर (500उस), 3000 मास्क, 500 ऑक्सीमीटर, 400 थर्मामीटर, उत्तराखण्ड सरकार को प्रदान किये

मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह से गुरूवार को सचिवालय में सेन्ट्रल कमांड के जी.ओ.सी. इंचार्ज लेफ्टिनेंट जनरल वाई डिमरी ए.वी.एस.एम, वी.एस.एम ने शिष्टाचार भेंट की