पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की फेसबुक वाल से
#विस्तारित_लॉकडाउन - #ग्यारवाँ_दिवस
दिनांक-23 अप्रैल, 2020 को #कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हुई। बैठक वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से हुई, लगभग चार-सवा चार घंटे चली। #कोरोना को लेकर कांग्रेस पार्टी की शीर्ष समिति की यह दूसरी बैठक थी। अभी तक की समग्र स्थिति, कांग्रेस शासित राज्य सरकारों सहित, समस्त राज्यों व केंद्र सरकार द्वारा उठाये कदमों का विहंगम विश्लेषण हुआ। सुझाव आये, पक्ष व विपक्ष में तर्क भी आये, एक खुली बहस थी। #लॉकडाउन के विभिन्न पक्षों पर विचार व्यक्त किये गये। अन्नतोगत्वा निम्न 5 कमजोरियां कोरोना नियंत्रित करने की अभियान की उभर कर सामने आयी।
1- गरीब, मजदूर, प्रवासी कामगार, खेतिहर मजदूर, घरेलू व दिहाड़ी के मजदूरों सहित निम्न-मध्यम वर्ग के सम्मुख अनिश्चित जीवन यापन की समस्या, जिसमें अपना व परिवार का पेट भरना भी सम्मिलित है।
2- इन वर्गों के सम्मुख एक अस्पष्ट भविष्य।
3- खेती, छोटे-छोटे रोजगार व कामधंधों को पुनर्जीवित करने की तत्काल आवश्यकता।
4- सार्वभौम न्यूनतम आय योजना का क्रियान्वयन।
5- टैस्टिंग व क्वारंटाइन फैसिलिटी की कमी व मेडिकल सेफ्टी किट्स की कमी।
सभी सदस्यों की बातें सुनकर, मैं इस निश्चय पर पहुंचा हूँ, यदि देश ने आगे अपने को ठीक से नहीं संभाला, तो इंडिया के खिलाफ भारत खड़ा दिखाई देगा। अनिश्चित भविष्य धारी अभी तो लॉकडाउन के कारण जहां-तहां रुके पड़े हैं, यदि उनके सम्मुख उठ रहे सवालों का हमने संतोषजनक हल नहीं निकाला, तो क्या इस समुद्री तूफान को जब यह घरों की और चल पड़ेगा, क्या हम रोक पायेंगे? क्या कोरोना की "डू डोंट डू" से ये बंधित होंगे? क्या यह लोग आर्थिक पैकेज रिवाइवल पैकेज आदि शब्दों से संतुष्ट होंगे? आज स्थिति यह है कि हम, हमारी आज की आर्थिक स्थितियों और अब कोरोना आर्थिक दुष्प्रभावों से उन 36 करोड़ लोगों को बचा सकेंगे, जो उदारीकरण के दौर में गरीबी से उभरकर निम्न-मध्यम वर्ग में आये हैं। ये वो लोग हैं, जिन्होंने हमारी गरीबों उनमुखी कार्यक्रमों, जिनमें स्किल इंडिया भी सम्मिलित है, लाभ उठाया है। यह एक ऐसा वर्ग है, जो तथाकथित नियोरिच (Neorich) से थोड़ा नीचे व गरीबी के रेखा के ऊपर है, इस वर्ग के पुनः गरीब हो जाने की पूरी संभावना है। यूं नियोरिच क्लास (Neorich Class) भी नीचे की ओर खींचेगा, उसकी शान-शौकत में बहुत कमी आयेगी। हो सकता है, कुछों के घर व कारें, छिनें। मगर यह वर्ग, यदि कोरोना संक्रमण बहुत लंबा नहीं रहा, तो एकाध साल में पुनः संभल जायेगा। मुझे तत्कालिक चिंता, उस वर्ग की है, जो 2000 से 2014 के मध्य गरीबी से ऊपर उठा और एक बेहतर जिंदगी की ओर आगे बढ़ रहा था। #अर्थव्यवस्था में पहले से आ चुकी गिरावट से ही यह वर्ग नहीं संभल पा रहा था। अब कोरोना के बाद की स्थिति में इस वर्ग का संभलना अत्यधिक कठिन है। केंद्र सरकार व राज्य सरकारों के पास दो वर्गों, एक तो यह संदर्भित वर्ग है व दूसरा वर्ग जिसमें रोज कमाने, खाने वाला सम्मिलित है, घरेलू कर्मचारी, रेहड़ी-पटरी वाला, खेत मजदूर, दिहाड़ी का मजदूर, ये सब लोग इस वर्ग में हैं, इनके लिये कोई कार्ययोजना दिखाई नहीं देती है। आर्थिक पैकेज जो घोषित हुये हैं, उनमें इन दो वर्गों का उल्लेख ही नहीं है। यहां तक खेतीहर मजदूर का भी उल्लेख नहीं है। केंद्र सरकार, इस वर्ग को कुछ किलोग्राम अनाज देकर, अपने फर्ज की इतिश्री मान ले रही है। यही है, देश के 35-40 करोड़ इंसान, जिनके सम्मुख इस समय एक पूर्णतः अस्पष्ट भविष्य है। इनका वर्तमान अत्यधिक कष्टप्रद है, भविष्य उससे भी अधिक कष्टप्रद दिखाई दे रहा है। अर्थव्यवस्था के लगभग ढाई दशकों में, एक आर्थिक व्यवस्था चक्र खड़ा किया गया। मेरा मानना है कि, यह चक्र पूर्णतः ध्वस्त हो सकता है। इसको तत्काल बचाने के लिये, दृढ़ संकल्प शक्ति, भावना व समझ की आवश्यकता है। वर्तमान शासक, केवल कोरपोरेट दृष्टि रखते हैं। आज की सत्ता को समझ देने के लिये, सत्ता केंद्र को रास्ता दिखाने की क्षमता रखने वाली कोई सोनिया गांधी भी नहीं है। आज काम के अधिकार, भोजन के अधिकार, सूचना व संवाद के अधिकारों की चर्चा भी बेमानी है। कृषि व लघु, सूक्ष्म व मध्यम उद्योगों का ऐसा क्षेत्र है, जहां से अर्थव्यवस्था को संभालने की कुछ ठोस पहल हो सकती है। कांग्रेस पार्टी ने तय किया है कि, डॉ मनमोहन सिंह जी की देखरेख में हम कुछ सुझाव सत्ता को देंगे। अब मैंने, न्याय कहना छोड़ दिया है, क्योंकि भाजपाई भाई न्याय को राहुल जी का ब्रेनचाइल्ड मानते हैं। मैं, यूनिवर्सल न्यूनतम् आमदनी योजना कहना चाहूंगा। आप 7500 रुपये, हर उपलब्ध खाते में डालिये। लोगों की जेब में पैसा ही उत्पादन चक्र व सेवा चक्र को पुनर्जीवित करने की क्षमता रखता है। पैसा, खरीद को प्रोत्साहित करेगा। खरीद, उत्पादन को प्रेरित करेगी। उत्पादन हेतु उद्योग व श्रमिक का चक्र आवश्यक होगा। सरकार अभी इस मामले में केवल शब्द सेवा तक सीमित है।
उत्तराखंड के चार पुत्रों, अग्रणीय पीढ़ी में नरेंद्र सिंह नेगी जी व हीरा सिंह राणा और नई पीढ़ी में जुबिन नौटियाल व पवनदीप राजन, हमारे कंठ सुधा है। माँ सरस्वती पूर्ण मिठास के साथ इनके कंठ स्वरों में वास करें। यह कुछ ऐसी रचनाएं-गायें व सुनायें कि, उत्तराखंडियों में एक नई शक्ति का संचार हो। कभी-कभी समस्याओं के जटिल आगोश से ही भविष्य को संवारने वाला समाधान निकलता है। देश में व्याप्त अनिश्चित आर्थिक परिदृश्य से उत्तराखंड के ऊपर भी गंभीर समस्याओं के बादल मंडरा रहे हैं। "उठो दगड़ियों, मुच्छयाव जगाओ" की तर्ज पर हमें मिलजुल कर आगे का रास्ता तय करना है। हमारे सम्मुख आने वाले दिनों में डेढ़-दो लाख के करीब अनिश्चय भविष्य से ग्रस्त भाई-बहन होंगे। उनके लिये सहारा व रास्ता, दोनों ढूंढने हैं। कोरोना से लड़ते हुये सेवाभावी उत्तराखंड को देखकर मुझे यह कार्य बहुत कठिन नहीं लगता है। हमारे लोगों में आज सेवा करने की होड़ लगी है। हल्द्वानी में दिनेश कुंजवाल, लता कुंजवाल, मदन बोरा, राधा चौधरी, श्रीमती शांति जीना, खिमानंद पांडे, महेशानंद, खजान गुड्डू, किरण महरा, रमेश गोस्वामी, प्रदीप नेगी, मंजू सांगुड़ी, कमान धामी, रामबाबू मिश्रा, अनीस अहमद, गोपाल सिंह रावत, श्री एवं श्रीमती बीना जोशी, चंद्र मोहन सिंह, विमला सागुड़ी, खिमानंद दुम्का, गिरधर बम, मनोज दानू, सरदार गुरप्रीत सिंह, प्रमोद कालोनी, लक्ष्मण धपोला, प्रदीप कुमार, धर्म सिंह बिष्ट, भुवन पांडे, बलवंत सिंह दानू, संजय मिश्रा, लालचंद सिंह, हेमवती नंदन दुर्गापाल, विमला जोशी, ज्ञान सिंह, ललित मेहता, राधारानी, बी.डी. खोलिया, इंदिरा पाठक, बालम सिंह बिष्ट, लक्ष्मण सिंह, विक्की योगी, नैनीडांडा क्षेत्र में श्री गोपाल सिंह रावत, पिंकी नेगी, सुरेंद्र सिंह नेगी पूर्व प्रमुख, सुरेंद्र सिंह नेगी ब्लॉक अध्यक्ष, शंभू सिंह सल्ट, रमेश रावत, विक्रम सिंह कोहली, मधु बिष्ट, मनीष सुंदरियाल, रश्मि पटवाल, पृथ्वीपाल कर्णवाल, नारायण सिंह रावत, चंद्रजीत बोरा, वीर सिंह, प्रदीप गोसाई, कामरूप साह, पुष्कर सिंह रावत, ओम प्रकाश कदोला, जंग बहादुर सिंह नेगी, रघुवीर बिष्ट, टीकू भाई, चंद्र सिंह रावत, पृथ्वीपाल रावत, शिशुपाल सिंह रावत, यशपाल सिंह रावत, डॉ. हजारी सिंह, अजीत नेगी, महेंद्र सिंह कंडारी, सुरेंद्र सिंह बिष्ट, शोभा गोयल, जगमोहन सिंह रावत, गब्बर सिंह बिष्ट दीनबंधु बलोधी, महिपाल सिंह रावत जनसेवा के कार्य में लगे हैं। सल्ट क्षेत्र में गंगा पंचोली के नेतृत्व में चंद्रप्रकाश कन्याल, दिगंबर धौलाखंडी, जितेंद्र रजवार, मोनी रजवार, विदुभ भंडारी, टीकू रजवार, कांता बल्लभ दुर्गापाल, चंद्र प्रकाश पंचोली, विजय उनियाल, हर्षित मांगध्वाड़ी, भु़वन भंडारी, भुवन सिंह लोगों को राशन बांट रहे हैं। सल्ट के अमित रावत, महेंद्र भंडारी आदि ने मास्क बांटे हैं। सोमेश्वर क्षेत्र में बालम भाकुनी, किशोर नयाल, कृष्णा सिंह बिष्ट, लाल सिंह बजेठा, दिनेश नेगी, भुवन दोंसाद, भुवन खाती, हीरा भाकुनी, रमेश भाकुनी, गोपाल खोली, लवि चिलवाल, ललित मेहता, राजेंद्र बिष्ट, मंटू वर्मा, दिनेश पिल्खवाल, राजेंद्र बाराकोटी, दिया जोशी, कमला गोस्वामी, बब्लू अल्मियां डठ कर सेवा कर रहे हैं। लैंसडाउन विधानसभा क्षेत्र में विकास रावत प्रधान, सुरेंद्र रावत, विजेंद्र सिंह, दीपक भंडारी ब्लाक प्रमुख, ताजबर नेगी, महाराज बिष्ट, गोपाल रावत, मधु बिष्ट, संजय कनौजिया, मनोहर देवरानी प्रमुख रिखणीखाल, रविंद्र सिंह, मुकेश रावत, तीरथ रावत, सुमन बिष्ट, अनूप कनौजिया, हीरा सिंह, जैन सिंह, प्रकाश असवाल आदि सब लोग जरूरतमंदों की सेवा में लगे हैं। कोटद्वार में पूर्व मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी जी और मेयर हेमलता नेगी जी के नेतृत्व में संजय मित्तल, विजय नारायण सिंह, सुनीता बिष्ट, श्रीमती रंजना रावत, बलवीर सिंह रावत, जसवीर राणा, संजू पटवाल, गीता नेगी, शकुंतला चौहान, कृष्णा बहुगुणा, अमित राज यूथ कांग्रेस, अंकुर भंडारी, विजय रावत, प्रवेश रावत, राकेश शर्मा, हिमांशु बहुखंडी, सुमित रावत, भारत नेगी, सूरज प्रसाद क्रांति, नरेश कोटनाला, नईम अहमद, रेशमा छावड़ा, अशोक घिल्ड़ियाल, मयंक प्रसाद कोठारी, मीना बछवाण, राजा आर्या सब लोग जरूरतमंदों की सेवा में लगे हुये हैं। यमकेश्वर में पूर्व विधायक शैलेंद्र रावत के नेतृत्व में रुचि कैन्तुरा, कुलभूषण, बालेन्दु नेगी, सरोप सिंह, प्रिया नेगी, कीरत रावत, दीपक बडोला, सुखदेव सिंह राणा, क्रांति कपल्वाण, उपेंद्र पयाल, यशपाल, संजय डबराल, विष्णु उनियाल, महेंद्र सिंह राणा प्रमुख, अनिल रतूड़ी, आशीष काला सब लोग जरूरतमंदों की सेवा में लगे हुये हैं। श्रीनगर में पूर्व विधायक गणेश गोदियाल जी, राजपाल बिष्ट, नवल किशोर, कामेश्वर राणा, वीरेंद्र सिंह नेगी, सरोजिनी कैंतूरा, योगेंद्र खंडूरी, प्रदीप तिवारी, आयुष मियां, पुष्पेंद्र पवांर, दिव्यांशु बहुगुणा, विजय रतूड़ी, सरिता नेगी, नीलम रावत, गौरव सागर, मोहम्मद आमिर, कमला नेगी, युद्धवीर सिंह, आस्कर रावत छात्रसंघ अध्यक्ष, कुलदीप रावत, संजय डबराल, आशीष नेगी, पूनम तिवारी नगर पालिका अध्यक्ष, कविंद्र ईस्टवाल, शिवकांत कंडारी, अनूप कंडारी, प्रवीण कोठियाल, मीना रावत, सुरेंद्र चौहान, तामेश्वर आर्या, अंकित रावत आदि सभी लोग जरूरतमंद लोगों की मदद में लगे हुये हैं।
"#जय_सिद्धबली"
(हरीश रावत)
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