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Showing posts from April, 2020

घर घर की - गोपाल नारसन

लॉक डाउन में काम बंद है बारोजगार का रोजगार बन्द है बिना आमदनी घर बैठा है पर पहले से ज्यादा खाता है काम नही, इसलिए खाली है हालत हो गई उसकी माली है कम बजट ग्रहणी पर भारी फ़रमाइश बहुत, जेब है खाली ग्रहणी की डियूटी डबल हो गई रसोई में बेचारी बेहाल हो गई किचन,लाउंड्री,साफ सफाई  घर घर की कहानी आम हो गई। ------श्रीगोपाल नारसन

कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने छतरी, मास्क, सेनेटाइजर, ग्लब्स बांटे

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विधानसभा #रायपुर विधानसभा रायपुर के अंतर्गत सहस्त्रधारा रोड आईटी पार्क चौक सहित विभिन्न स्थानों में आज कोरोना महामारी के चलते लगाये गये लाॅक डाउन के मध्य लोगों की सुरक्षा में लगे पुलिस कर्मियों को महानगर कांग्रेस के अध्यक्ष श्री लालचंद शर्मा जी एवं प्रदेश सचिव श्री सुमित नेगी (मोंटू) जी के द्वारा उपलब्ध कराए पर छतरी, मास्क, सेनेटाइजर, ग्लब्स इत्यादि वितरित किये। आईटी पार्क चौक सहित विभिन्न स्थानों इत्यादि में उपलब्ध कराये तथा क्षेत्र के जरुरतमन्द लोगों को खाद्यान्न किट भी वितरित किये। कोरोना वायरस महामारी के इस संकट के दौर में आज प्रदेश सरकार कहीं कुछ करती हुई दिखाई नहीं दे रही है, आज पूरे प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं द्वारा अपने निज़ी संसाधनों से पुलिस प्रशासन,  स्वास्थ्य कर्मी,  सफाई कर्मीयो को छतरी, मास्क, सेनेटाइजर, ग्लब्स इत्यादि सहित गरीब जरूरतमन्दों को खाद्यान्न किट, पके हुआ भोजन के साथ साथ वायरस से बचाव के लिये मास्क, ग्लब्स, सेनिटाइज़र भी उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस भीषण संकट की घड़ी में कोरोना फाइटर्स के रूप में कार्य कर रहे कांग्रे

खरबूजे को देख खरबूजे ने भी अपना रंग बदला - श्याम सिंह रावत

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जैसी कि आशंका थी केंद्र सरकार द्वारा कर्मचारियों और पेंशनधारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाने पर रोक लगा देने से भाजपाशासित राज्यों में भी ऐसा ही किया जायेगा, सो आज कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच उप्र. तथा मप्र. सरकारों ने भी कर्मचारियों और अधिकारियों के महंगाई भत्ते के भुगतान पर रोक लगा दी है।  उत्तर प्रदेश में 1 जनवरी, 20 से जून 21 तक की अवधि के डीए का भुगतान नहीं किया जायेगा। इसके अलावा 6 प्रकार के भत्तों का भुगतान भी बंद किए गए हैं। जिनमें सचिवालय भत्ता और पुलिस भत्ता भी शामिल है। माना जा रहा है कि योगी सरकार के इस निर्णय से प्रदेश के 16 लाख कर्मचारी प्रभावित होंगे। जबकि करीब डेढ़ साल तक कर्मचारियों को डीए का भुगतान नहीं होने से सरकारी खजाने में 4,050 करोड़ रुपये की बचत होगी।  मध्य प्रदेश सरकार ने भी लिया फैसला― इससे पहले मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने भी केंद्र की तर्ज पर 10 लाख कर्मचारियों का डीए रोकने की बात कही थी। तब बताया गया था कि डीए पर 2021 तक ही कोई फैसला हो सकता है। प्रदेश की भाजपा सरकार पहले ही पांच फीसदी डीए के भुगतान पर रोक लगा चुकी है। अब डीए रोकने की बात आने पर कर्मचारी स

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की फेसबुक वाल से

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#विस्तारित_लॉकडाउन - #ग्यारवाँ_दिवस     दिनांक-23 अप्रैल, 2020 को #कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हुई। बैठक वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से हुई, लगभग चार-सवा चार घंटे चली। #कोरोना को लेकर कांग्रेस पार्टी की शीर्ष समिति की यह दूसरी बैठक थी। अभी तक की समग्र स्थिति, कांग्रेस शासित राज्य सरकारों सहित, समस्त राज्यों व केंद्र सरकार द्वारा उठाये कदमों का विहंगम विश्लेषण हुआ। सुझाव आये, पक्ष व विपक्ष में तर्क भी आये, एक खुली बहस थी। #लॉकडाउन के विभिन्न पक्षों पर विचार व्यक्त किये गये। अन्नतोगत्वा निम्न  5 कमजोरियां कोरोना नियंत्रित करने की अभियान की उभर कर सामने आयी।  1- गरीब, मजदूर, प्रवासी कामगार, खेतिहर मजदूर, घरेलू व दिहाड़ी के मजदूरों सहित निम्न-मध्यम वर्ग के सम्मुख अनिश्चित जीवन यापन की समस्या, जिसमें अपना व परिवार का पेट भरना भी सम्मिलित है। 2- इन वर्गों के सम्मुख एक अस्पष्ट भविष्य। 3- खेती, छोटे-छोटे रोजगार व कामधंधों को पुनर्जीवित करने की तत्काल आवश्यकता। 4- सार्वभौम न्यूनतम आय योजना का क्रियान्वयन। 5- टैस्टिंग व क्वारंटाइन फैसिलिटी की कमी व मेडिकल सेफ्टी किट्स की कमी।           सभी स

केंद्रीय कर्मचारियों एवं पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते में वृद्धि नहीं करने पर कांग्रेस ने सलाह - रणदीप सुरजेवाला

कांग्रेस ने केंद्रीय कर्मचारियों एवं पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते में वृद्धि नहीं करने के सरकार के फैसले की आलोचना करते हुए शुक्रवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार को सैनिकों और कर्मचारियों के भत्ते काटने के बजाए ‘सेंट्रल विस्टा’, बुलेट ट्रेन परियोजनाओं और फिजूल खर्च पर रोक लगानी चाहिए। विज्ञापन पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के सुझाव को मानते हुए केंद्र सरकार अपने फिजूल खर्चे पर रोक लगाकर ढाई लाख करोड़ रुपये बचा सकती है, जिसका इस्तेमाल संकट के इस समय में लोगों की मदद के लिए हो सकता है। उन्होंने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से कहा कि कोरोना वायरस महामारी के संकट से पैदा हुई आर्थिक मंदी और आय की तंगी पर मरहम लगाने की बजाए मोदी सरकार जले पर नमक छिड़कने में लगी है। सुरजेवाला ने सवाल किया कि उसने हाल ही में 30,42,000 करोड़ रुपये का बजट पारित किया। बजट में आय व खर्चे का लेखा-जोखा स्पष्ट तौर से दिया जाता है। फिर बजट पेश करने के 30 दिन के अंदर ही मोदी सरकार सेना के जवानों, सरकारी कर्मचारियों तथा पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते पर कैंच

दून अस्पताल में होगी अब कोरोना की जांच - डॉक्टर सयाना

प्राचार्य राजकीय दून मेडिकल कॉलेज डॉ. आशुतोष सयाना ने बताया कि कोविड-19 की जांच हेतु कॉलेज को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) से अनुमति मिल गयी है।  

केंद्रीय मंत्री, श्री प्रकाश जावड़ेकर व पूर्व मंत्री शाहनवाज हुसैन जी कह रहे हैं- हरीश रावत

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पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशल साईट फेसबुक के माध्यम से केंद्रीय मंत्री, श्री प्रकाश जावड़ेकर व पूर्व मंत्री शाहनवाज हुसैन जी कह रहे हैं कि, क्या कांग्रेस आपदा में किसी की मदद भी कर रही है। प्रकाश जी, कांग्रेस व युवक कांग्रेस के लाखों कार्यकर्ता अन्न, वस्तु, मास्क, सैनिटाइजर, दवाइयां, ग्लब्ज, यहां तक की PPE किट्स भी प्रभावित लोगों व कोरोना वॉरियर्स तक पहुंचा रहे हैं। हां, मैं मानता हूँ, आप के लोग भी जमकर लोगों तक सामान पहुंचा रहे हैं। अंतर इतना है, आप मोदी बैग में सरकारी अन्न व सामान पहुंचा रहे हैं। कांग्रेसजन, अपने पैसों से सामान खरीद कर पहुंचा रहे हैं या पका खाना बांट रहे हैं। जरा, किच्छा व हरिद्वार में जाकर देखिये न या फिर सहसपुर  में देखिये, जहां मुसलमान भाई भी लोगों की मदद में जुटे पड़े हैं।  

राशन काफी संस्थायें मुहैया करवा रही हैं पर रोजमर्रा कि इन चीजों कि कमी- आशा मनोरमा

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कांग्रेस नेत्री व एंगेजिंग यंग इंडिया की अध्यक्षा आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा ने आज शहर के विभिन्न क्षेत्रों में जरूरतमंदों के लिये सर्फ, कपडे धोने के और नहाने के साबुन, चायपत्ति, चीनी, आलू प्याज वगैरह बांटे गये। उन्होंने कहा कि राशन काफी संस्थायें मुहैया करवा रही हैं पर रोजमर्रा कि इन चीजों कि कमी के चलते लोगों को परेशानियों का सामना करना पड रहा है 

पैतीस साल बाद लॉक डाउन ने बनवाया- गोपाल नारसन

  रुड़की-साहित्यकार श्रीगोपाल नारसन ने कहा कि लॉक डाउन के कारण उन्हें पैतीस साल बाद किचन में जाकर हलुआ बनाने का अवसर मिला है।इससे पूर्व सन 19 85-86 में राजकीय महाविद्यालय देवबंद के छात्र संघ अध्यक्ष पद पर रहते हुए स्नातक की पढ़ाई के दौरान वह रोज सूजी का हलवा बनाकर अपने साथियों संग खाते थे।हलवे की रेसिपी बताते हुए उन्होंने जानकारी दी कि एक सौ ग्राम सूजी में एक सौ ग्राम देशी घी,दो सौ ग्राम चीनी और चार सौ ग्राम पानी का उपयोग कर उसमें ड्राई फ्रूट डालकर बेहद स्वादिष्ट हलवा तैयार करके खाने का स्वाद उन्हें आज भी याद है।उन्होंने बताया कि लॉक डाउन का पालन करने के लिए चूंकि घर पर रहना हो रहा है।इसीलिए घर के किचन में हलवा बनाने के लिए पुराना हुनर काम आया।वही खाली समय मे वह दो नई पुस्तकों पर काम कर रहे है।उनके द्वारा लिखित श्रीमद्भागवत गीता (परमात्मा उवाच)व ब्रह्माकुमारी दादी जानकी जल्दी ही प्रकाशित होने जा रही है।

बहका हुआ लोकतंत्र- श्याम सिंह रावत

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लोकतंत्र की सबसे बड़ी कमजोरी है इसमें यह न देखा-समझा जाना कि क्या कहा जा रहा है, बल्कि यह महत्वपूर्ण हो जाना कि कौन कह रहा है और उसे कितने लोगों का समर्थन प्राप्त है। यह बुराई किसी बड़े जहाज की पैंदी के उस छोटे-से छेद की तरह है जो जहाज को डुबाने की क्षमता रखता है। नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल में अर्थव्यवस्था, बैंकिंग, उद्योग व्यापार, रोजगार, महंगाई, शिक्षा, चिकित्सा, संवैधानिक संस्थाओं आदि की तबाही, जन-सरोकारों की घोर उपेक्षा, सार्वजनिक क्षेत्र व संसाधनों का निजीकरण, भयानक भ्रष्टाचार सम्बंधी तमाम विफलताओं के बावजूद 2019 के चुनाव में मोदी के हाथों फिर से देश की सत्ता सौंपने से साबित हो गया कि भारतीय लोकतंत्र अभी परिपक्व नहीं हो पाया है या फिर एक देश के रूप में हम अपने मताधिकार का सदुपयोग करना नहीं जानते। हम काम दिमाग से लेने की अपेक्षा दिल से लेते हुए भावनाओं में बह जाते हैं। हमने वोट देते समय अपनी राष्ट्रीय आकांक्षाओं, अपेक्षाओं और सम्भावनाओं को परे रखकर सिर्फ और सिर्फ हिंदू-मुसलमान जैसी एकदम वाहियात बात पर मुहर लगा दी। आज जब देश एक भयानक त्रासदी के दौर से गुज़र रहा है और चारों तरफ फ

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को दिए 3 सुझाव

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माननीय #मुख्यमंत्री जी को तीन छोटे सुझाव।  1. #उत्तराखंड की इंटर डिस्ट्रिक्ट माइग्रेट्री पॉपुलेशन (जो कुछ समय नीचे आते हैं और खेती, काम के लिये अपने गांव जाते हैं)  का अध्ययन करना और उनकी एग्रीकल्चर प्रैक्टिसेज को समझना आवश्यक है। लोग मैदानी क्षेत्रों में रहते हैं, मगर पहाड़ों में भी अपनी खेती को आबाद करते हैं, उनका अपने गांव के साथ जुड़ाव बना हुआ है। ये लोग बहुधा अप्रैल के अंतिम सप्ताह में अपने गांवों में पहुंचते हैं और वहां वर्षा कालीन खेती जोतकर, बीज बोकर, फिर अपने काम में वापस आते हैं। लॉकडाउन के कारण ऐसे लोग पहाड़ के सभी लोग, उसमें सीमांत क्षेत्र भी सम्मिलित हैं, तराई क्षेत्रों में रुके पड़े हैं, इनके लिये कोई रास्ता निकाला जाना चाहिये। 2. लॉकडाउन के कारण जो गर्भवती महिलाओं या नवजात शिशुओं को जो टीके आदि लगते हैं, उसके लिये भी लोग नहीं जा पा रहे हैं, न टीका लगाने वाले जा रहे हैं, न टीका लगाने कोई जा पा रहा है और एक बार यह क्रम गड़बड़ा गया, तो ये शिशुओं और  माँ के स्वास्थ्य के लिये नुकसानदायक होगा। 3. मनरेगा एक हार्नेस एक्टिविटी है, आप लोगों को इजाजत दीजिये कि, वो अपने खेत में जुता

वैश्विक महामारी COVID-19 की अभी कोई कारगर दवा नहीं बन सकी है- श्याम सिंह रावत

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वैश्विक महामारी COVID-19 की अभी कोई कारगर दवा नहीं बन सकी है लेकिन मेरठ के चिकित्सकों द्वारा किए गए इलाज से कोरोना संक्रमित 13 मरीज ठीक हुए तो उम्मीद की एक किरण जागी है।  मेरठ में अब तक कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 64 हो गई है, जबकि इनमें से 13 मरीज ठीक हो गए हैं और एक की मौत हुई है। ठीक हुए मरीजों की घर वापसी को चिकित्सक बड़ी कामयाबी मान रहे हैं। मेरठ के मेडिकल कॉलेज के कोविड-19 अस्पताल के प्रभारी डॉ. तुंगवीर सिंह आर्य ने बताया कि कोरोना के मरीजों को मलेरिया में दी जाने वाली क्लोरोक्विन, एंटी-रेट्रोवायरल ड्रग, स्वाइन फ्लू में दी जाने वाली टेमीफ्लू व गले की दवा एजिथ्रोमाइसिन के कॉम्बीनेशन का अच्छा असर देखा गया और रोगियों की हालत में तेजी से सुधार हुआ। डॉ. आर्य ने बताया कि कुछ समय बाद मालूम हुआ कि एचआइवी एड्स में दी जाने वाली दवा भी इसमें कारगर है। हमने पहले कोरोना संक्रमित मरीज को इसका डोज दिया तो तीन-चार दिन बाद ही वे स्वस्थ होकर घर चले गए। चिकित्सकों का कहना है कि कोरोना से डरें नहीं, बल्कि डाॅक्टर की सलाह मानें और अच्छी डाइट लें, खुद को घर के दूसरे सदस्यों से अलग रखें। यदि घर में

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की त्रिवेंद्र सरकार को सलाह

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राज्य सरकार भी और लोग भी, हमारे सफाई कर्मियों का स्वागत कर रहे हैं, अच्छी बात है। मगर मुझे कई जगह से सफाई कर्मियों के टेलीफोन आये हैं, उनका जो मासिक मिलता है, वो कई जगह 3-4 महीने से नहीं मिला है, तो आप मालायें डालिये, बहुत अच्छी बात है, क्योंकि ये हमारे कोरोना के खिलाफ लड़ाई के फ्रंट वॉरियर हैं, मगर पेट का भी तो ध्यान रखना पड़ेगा।