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Showing posts from November, 2019

25 बैंकों के NPA खरीदने के लिए मोदी सरकार RBI पर फंड बनाने का दे रही है दबाव

मोदी सरकार स्वतंत्र भारत की पहली ऐसी सरकार कही जा सकती है जिसकी न तो कोई अकाउंटिबिलिटी है और न ही रिस्पांसबिलिटी है। यह भ्रष्ट और कॉरपोरेट का नौकर प्रधानमंत्री तानाशाहीपूर्ण ढंग से सत्ता का संचालन करना और विरोध में उठने वाली हर आवाज का लाठी के बल पर दमन कर देना ही जानता है। देश के बैंकिंग को तबाह करने से यह बाज नहीं आ रहा है, अब एक बार फिर बैंकों के फंसे हुए कर्ज—नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) का भार घ टाने के बहाने स्ट्रेस एसेट फंड नाम से एक नई स्कीम लाई जा रही है। इसके तहत देश के 25 बैंकों के एनपीए को खरीदने के लिए आरबीआइ पर स्ट्रेस एसेट फंड बनाने का दबाव बनाया जा रहा है। मोदी सरकार बैंकों पर बढ़ते फंसे कर्ज (एनपीए) के भार को कम करने की तैयारी में है। इसके लिए स्ट्रेस एसेट फंड (Stress Asset Fund) स्कीम लाने की तैयारी की जा रही है। सरकार इस पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआइ) के साथ कई दौर की बैठक कर चुकी है। बताया जा रहा है कि वित्त मंत्रालय देश के 25 बैंकों के नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) को खरीदने के लिए आरबीआइ पर स्ट्रेस एसेट फंड बनाने का दबाव बना रही है। अगर ऐसा होता है तो एनपीए की मार

मोदी जी की सरकार ने एक और श्रमिक विरोधी कानून संसद में पेश

मोदी जी की सरकार ने एक और श्रमिक विरोधी कानून संसद में पेश किया है, अब कोई भी मिल मालिक चाहेगा, मनमाने तरीके से श्रमिक को बर्खास्त कर सकेगा। एक लम्बे ऐतिहासिक संघर्ष के बाद, जो अधिकार श्रमिकों ने प्राप्त किये थे, एक-एक कर वह अधिकार छीने जा रहे हैं। दो खबरें एक साथ आयी हैं, अंबानी जी दो साल में छः लाख करोड़पति से दस लाख करोड़पति बन गये हैं और दूसरी खबर आयी है, अब श्रमिक जो अपने पेट की लड़ाई के लिये सब कुछ अपना न्यौछावर करता है, उसकी बर्खास्तगी सरल हो जायेगी, हम लड़ेंगे और इस कानून को बदलेंगे।

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शपथ ग्रहण समारोह" में प्रतिभाग किया

अल्मोड़ा के विधानसभा क्षेत्र रानीखेत के ताड़ीखेत व भिक्कियासैन ब्लॉक के नवर्निवाचित ब्लॉक अध्यक्षों एवं क्षेत्र पंचायत सदस्यों के " शपथ  ग्रहण समारोह" में प्रतिभाग किया।

नर्सिंग अभ्यर्थियों को जल्द नियुक्ति नहीं तो बैठूंगा धरने परः हरीश रावत

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देहरादून। पिछले तीन सालों से लटकी भर्ती प्रक्रिया के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे आयुर्वेद अभ्यर्थियों के आंदोलन को उस समय बल मिल गया जब बुधवार को पूर्व सीएम हरीश रावत अभ्यर्थियों से मिलने आयुर्वेद विवि परिसर पहुंचे। यहां उनकी समस्याओं को सुना और पूरा सहयोग करने का आश्वासन दिया। 30 नर्सिंग स्टाफ के पदों को लंबे समय से लटकाए जाने पर रावत ने गहरी नाराजगी प्रकट की। कहा कि अभ्यर्थी कई दिनों से धरने पर बैठे हैं। उन्हें अनसुना किया जा रहा है। पूर्व सीएम ने इस मौके पर कहा कि यदि नर्सिंग अभ्यर्थियों को जल्द नियुक्ति नहीं मिलती है तो वह स्वयं धरने पर बैठ जाएंगे। कहा कि वह अभ्यर्थियों की लड़ाई में पूरी तरह से उनके साथ हैं। उन्होंने कुलपति प्रो. सुनील जोशी और कुल सचिव प्रो. माधवी गोस्वामी से कहा कि वह इस बाबत नियुक्ति पत्र जारी करने पर जल्द कार्रवाई करें। मंत्री सख्तः दो को चयन कमेटी की बैठक - नर्सिंग अभ्यर्थियों की भर्ती प्रक्रिया पर विभागीय मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने बुधवार को अपने तेवर और कड़े कर दिए। मामले पर संज्ञान लेते हुए विवि अधिकारियों और प्रशासन को इस बाबत मामले का जल्द निस्तारण करने को कहा। स

महाराष्ट्र का सियासी घटनाक्रम मीडिया इतना कमजोर तो न था

महाराष्ट्र का सियासी घटनाक्रम मीडिया इतना कमजोर तो न था डॉ सुभाष गुप्ता महाराष्ट्र के सियासी घटनाक्रम ने केवल राजनीतिक पैंतेरेबाजी का नमूना ही पेश नहीं कियाए बल्कि मीडिया के एक बड़े बदलाव को भी नुमांया किया है। नेताओं से नजदीकीए उनके खेमों में अच्छी घुसपैठ और हर घटनाक्रम पर पैनी नजर रखने की मीडिया की खुशफहमी को भी इस घटनाक्रम ने तार तार कर दिया। देश का मीडिया उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाता रह गया और फडनवीश ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली। इस सियासी उठापटक ने मीडिया की कमजोर होती पकड़ का बाखूबी अहसास करा दिया है। सुबह के अखबार उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाने पर कांग्रेसए एन सी पी और शिवसेना में बनी सहमति की खबरों से अटे पड़े हैं। कमोबेश न्यूज चैनल भी इसी तरह के समाचार देते रह गये। ऐसा क्यों हुआ कि किसी भी अखबार या न्यूज चैनल को बीजेपी और एन सी पी के विधायकों ; जो अब अजीत पंवार के साथी कहे जा रहे हैंद्ध के बीच पकती सियासी खिचड़ी का आभास तक नहीं हुआघ्  यह घटनाक्रम मीडिया की उस कमजोरी को जाहिर करता हैए तो खबरें सूंघने और बड़े जतन से छिपाया जाने वाला सत्य खोजकर निकालने की उसकी क्षमता